फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने यूरोपीय देशों को उस वक्त राफेल का ऑफर दिया है, जब पोलैंड और फिनलैंड समेत कई यूरोपीय देशों ने हाल के वर्षों में F-35 लड़ाकू फाइटर जेट को खरीदने का विकल्प चुना है। एफ-35 फाइटर जेट अपने एडवांस सेंसर, नाटो इंटरऑपरेबिलिटी और स्टील्थ टेक्नोलॉजी की वजह से दुनिया का सबसे शक्तिशाली फाइटर जेट माना जाता है। पोलैंड ने 2020 में 32 F-35 के लिए 4.6 अरब डॉलर और फिनलैंड ने 2021 में 64 एफ-35 खरीदने के लिए अमेरिका को ऑर्डर दिया है। जबकि फ्रांस कभी भी अमेरिकी एफ-35 लड़ाकू विमान प्रोजेक्ट का हिस्सा नहीं रहा है। उसने एफ-35 को ना चुनकर अपनी स्वायत्तता के लिए खुद का मल्टीरोल फाइटर जेट राफेल बनाया। राफेस अब भारत के साथ साथ मिस्र, थाईलैंड जैसे देशों की एयरफोर्स का हिस्सा है। UAE ऑर्डर दे चुका है और सऊदी अरब ने भी राफेल में गहरी दिलचस्पी दिखाई है।