22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे। इसके बाद भारत सरकार ने कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द कर दिया। सरकार ने भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को 26 अप्रैल (मेडिकल वीजा वालों को 29 अप्रैल) तक देश छोड़ने का निर्देश दिया।
इस फैसले से देशभर में कई परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। अपनों से बिछड़ने का दर्द ऐसा कि एक मां को अपने 3 साल के बच्चे को पाकिस्तान भेजना पड़ा। वहीं 35 साल से भारत में रहने वाली एक महिला को अब अपने परिवार बच्चों को छोड़कर पाकिस्तान जाने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
1. तीन साल के अपने बच्चे से अलग होने से रोईं सना, अधिकारियों से मिली राहत
उत्तर प्रदेश की मेरठ में रहने वाली सना की शादी 2020 में कराची के एक डॉक्टर से हुई थी। वे 3 साल के अपने बेटे और एक साल की बेटी के साथ भारत आई थीं। हमले के बाद पाकिस्तानियों को लौटने का आदेश आया, तो वह बच्चों के साथ अटारी बॉर्डर पहुंचीं।
सना के पति परिवार को लेने अटारी बॉर्डर पहुंचे थे। इसी बीच भारतीय पासपोर्ट धारक होने की वजह से अधिकारियों ने सना को जाने से रोक दिया। लेकिन उनके बच्चों के पास पाकिस्तानी पासपोर्ट था, जिसके चलते उन्हें अपने बच्चों से दूर होना पड़ा। इस दौरान सना फूट-फूटकर रोने लगी।
सना ने अधिकारियों से बच्चे को दूर न करने की गुहार लगाई, जिस पर राहत दिखाते हुए उन्हें अपने बच्चे के साथ भारत में ही रहने की इजाजत दे दी गई। फिलहाल सना सरकार के अगले आदेश का इंतजार कर रही हैं, जिसके बाद वे बच्चे के साथ अपने पति के पास पाकिस्तान जाना चाहती हैं। उनका कहना है कि जल्द से जल्द दोनों देशों के बीच लड़ाई खत्म हो जाए
2. बच्चे दिल की बीमारी से पीड़ित, बिना इलाज के लौटने पर मजबूर हुए
पाकिस्तान के हैदराबाद से अपने दो बच्चों का इलाज कराने आए एक व्यक्ति को बिना इलाज लौटना पड़ रहा है। इस पाकिस्तानी व्यक्ति के 9 और 7 साल के दो बच्चे हैं, जो कि जन्मजात दिल की बीमारी से पीड़ित हैं। उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में अगले हफ्ते सर्जरी कराने का समय मिला था।
लेकिन अब इस परिवार को इलाज अधूरा छोड़ना पड़ रहा है। उन्होंने मीडिया को बताया कि यात्रा, इलाज और रहने पर लगभग 1 करोड़ रुपए खर्च कर चुके हैं। हम सरकार से अपील करते हैं कि बच्चों का इलाज पूरा होने तक रुकने दिया जाए।
3. मां के साथ बेटियां भारत आईं, अब बिना मां के लौटना पड़ रहा
कराची से 11 साल की जैनब और 8 साल की जेनिश अपनी मां के साथ दिल्ली नानी से मिलने आई थीं। लेकिन भारत सरकार के आदेश के चलते अब बच्चों को पाकिस्तान वापस भेजा जा रहा है, जबकि उनकी मां भारतीय नागरिकता के चलते भारत में रुकने को मजबूर हैं।
जैनब ने रोते हुए कहा, मां को छोड़कर जाना बहुत मुश्किल है। मां को सरकार ने वापस जाने से मना कर दिया है। उन्होंने सरकार से कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें लेकिन बेकसूरों को मत सताइए।
4. पत्नी को मायके घुमाने भारत लाए, सिर्फ बच्चों के साथ लौटे
मोहम्मद इरफान, जो अपनी पत्नी नबीला और बच्चों के साथ भारत आए थे। अब बच्चों के साथ लौट रहे हैं, लेकिन पत्नी को छोड़ना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, आतंकियों ने हमारा परिवार बर्बाद कर दिया। मोदी जी से प्रार्थना है कि हमारी मदद करें। बच्चे मां के बिना नहीं रह सकते।
5. 35 साल से भारत में रह रहीं सरदा बाई को भी लौटने का आदेश
ओडिशा के बोलांगीर में रहने वाली सरदा बाई, जो पिछले 35 सालों से भारत में रह रही थीं, अब वापस पाकिस्तान भेजी जा रही हैं। सरदा बाई ने एक भारतीय हिंदू से शादी की थी। उनके बेटे और बेटी भारतीय हैं। उनके पास वोटर ID जैसे कई दस्तावेज हैं, लेकिन उन्हें कभी भारतीय नागरिकता नहीं मिली।
सरदा बाई सरकार से अपील करती हैं कि मेरा पाकिस्तान में कोई नहीं है। मेरा पासपोर्ट भी बहुत पुराना है। मेरे बच्चे और पोते यहीं हैं। कृपया मुझे भारत में ही रहने दें। वहीं बोलांगीर पुलिस ने कहा है कि अगर आदेश का पालन नहीं किया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।