चीन नहीं, भारत की बोलेगी तूती... अमेरिकी टैरिफ से ऐपल और गूगल के आएंगे अच्छे दिन, कारण जान लीजिए

Updated on 22-04-2025
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए टैरिफ के कई फायदे और नुकसान सामने आ रहे हैं। माना जा रहा है कि इस टैरिफ के कारण भारत से स्मार्टफोन के निर्यात को फायदा हो सकता है। क्योंकि भारत पर कम टैरिफ होने के कारण कंपनियां यहां मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दे सकती हैं। यह जानकारी क्रिसिल (Crisil) की एक रिपोर्ट में सामने आई है। वहीं गूगल भी अपना काम वियतनाम से भारत में शिफ्ट कर सकती है।
दरअसल, ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर अनिश्चितता बनाए रखी है। उन्होंने 2 अप्रैल को लिबरेशन डे के अवसर पर कई देशों पर व्यापार शुल्क लगाया था। हालांकि, एक हफ्ते बाद उन्होंने इसे 90 दिनों के लिए रोक दिया। इस बीच, चीन के साथ टैरिफ बढ़ाने को लेकर उनकी बातचीत जारी रही। इलेक्ट्रॉनिक्स पर टैरिफ रोकने के कुछ दिनों बाद ट्रंप ने कहा कि चीन में बने स्मार्टफोन को टैरिफ से छूट नहीं मिलेगी। उन्हें एक अलग श्रेणी में रखा जाएगा। इससे अमेरिका में उनकी कीमतों को लेकर चिंता बढ़ गई है, क्योंकि उनमें से ज्यादातर चीन में बनते हैं।

भारत का नंबर कहां?

यूएस इंटरनेशनल ट्रेड कमीशन के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका ने साल 2024 में सबसे ज्यादा स्मार्टफोन चीन से आयात किए। यह कुल आयात का 81% से थोड़ा ज्यादा था। भारत और वियतनाम क्रमशः 13.7% और 4.2% के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर थे। एक साल पहले इन तीन देशों का अमेरिका में स्मार्टफोन आयात में क्रमशः 75.8%, 8.4% और 13.4% हिस्सा था।

अब भारत को क्या फायदा?

भारत को मौजूदा टैरिफ व्यवस्था में फायदा हो सकता है। व्हाइट हाउस के अनुसार, चीन पर अमेरिकी टैरिफ अब 245% है। वहीं, वियतनाम पर अमेरिकी टैरिफ 46% है, जबकि भारत पर यह सिर्फ 26% है।
क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है, 'नई टैरिफ नीति से भारत से अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले स्मार्टफोन की कीमत बढ़ जाएगी। लेकिन इसका असर इस बात पर निर्भर करेगा कि भारत से निर्यात की लागत चीन और वियतनाम की तुलना में कितनी प्रभावी है। इसका मतलब है कि अगर भारत से स्मार्टफोन भेजना सस्ता पड़ता है, तो भारत को फायदा होगा।
उदाहरण के लिए, चीन में बने आईफोन 13 Pro के 256 GB वैरिएंट की कीमत अमेरिका में 480 से 580 डॉलर है। वहीं, भारत में बने इसी मॉडल की कीमत 550 से 650 डॉलर है। क्रिसिल का कहना है कि भारत में बने स्मार्टफोन का निर्यात बढ़ेगा, क्योंकि वे चीन से आने वाले स्मार्टफोन से सस्ते होंगे। लेकिन, टैरिफ के कारण चीन में बने स्मार्टफोन की प्रति यूनिट बिक्री लागत बढ़ने से, कंपनियां चीन में उत्पादन कम कर सकती हैं और भारत में उत्पादन बढ़ा सकती हैं।

गूगल भी भारत में बनाएगा स्मार्टफोन

गूगल पिक्सल स्मार्टफोन अब भारत में भी बन सकते हैं। अल्फाबेट इंक कंपनी इस बारे में विचार कर रही है। उन्होंने भारत में मौजूद अपनी दो कंपनियों, डिक्सन टेक्नोलॉजीज और फॉक्सकॉन से बात की है। गूगल चाहता है कि पिक्सल स्मार्टफोन का कुछ उत्पादन वियतनाम से भारत में शिफ्ट हो जाए। खासकर वे फोन जो अमेरिका भेजे जाते हैं।
दरअसल, अमेरिका और वियतनाम के बीच व्यापार को लेकर कुछ दिक्कतें चल रही हैं। अमेरिका ने वियतनाम से आने वाले सामान पर ज्यादा टैक्स लगाने की धमकी दी है। इसलिए अल्फाबेट कंपनी अब अलग-अलग जगहों से सामान मंगवाना चाहती है, ताकि किसी एक जगह पर निर्भर न रहना पड़े। कंपनी चाहती है कि भारत में ही फोन के कुछ पार्ट्स बनें। जैसे कि फोन का बाहरी कवर, चार्जर, फिंगरप्रिंट सेंसर और बैटरी।

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

ईपीएफओ ने किया बड़ा बदलाव, जॉब बदलने पर पीएफ ट्रांसफर में होगी आसानी, 1.25 करोड़ को फायदा

नई दिल्‍ली: एंप्लॉयीज प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) ने नौकरी बदलने पर पीएफ अकाउंट में जमा रकम के ट्रांसफर से जुड़ी प्रक्रिया आसान कर दी है। इससे एंप्लायर की मंजूरी की जरूरत…
ईपीएफओ ने किया बड़ा बदलाव, जॉब बदलने पर पीएफ ट्रांसफर में होगी आसानी, 1.25 करोड़ को फायदा
बिजनेस

सऊदी अरब के साथ ये कैसी डील जो बढ़ाएगी भारत की ताकत, पाकिस्‍तान होगा लाल

नई दिल्‍ली: सऊदी अरब भारत में दो रिफाइनरी बनाने के लिए भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर काम करेगा। यह कदम वह भारत के रिफाइनिंग सेक्टर में अपनी जगह बनाने के लिए…
सऊदी अरब के साथ ये कैसी डील जो बढ़ाएगी भारत की ताकत, पाकिस्‍तान होगा लाल
बिजनेस

क्या आपकी म्यूचुअल फंड स्कीम बेंचमार्क से बेहतर कर रही है? इन्फॉर्मेशन रेश्यो पर स्टडी से हुआ खुलासा

नई दिल्ली: ज्यादातर इक्विटी म्यूचुअल फंड अपने बेंचमार्क से बेहतर परफॉर्म नहीं कर पा रहे हैं। इन्फॉर्मेशन रेश्यो (Information Ratio) पर ET की एक स्टडी के मुताबिक, फ्लेक्सी-कैप, लार्ज कैप, मिडकैप…
क्या आपकी म्यूचुअल फंड स्कीम बेंचमार्क से बेहतर कर रही है? इन्फॉर्मेशन रेश्यो पर स्टडी से हुआ खुलासा
बिजनेस

ट्रेड वॉर के बीच अमेरिकी डॉलर पर संकट, इन 5 कारणों से डोल रहा है सिंहासन?

नई दिल्ली: अमेरिकी डॉलर को अभी तक अजेय समझा जाता था। पूरी दुनिया के बाजार हिल जाते थे, मुद्रा की कीमत ऊपर-नीचे हो जाती थी, लेकिन डॉलर अपनी जगह अडिग रहता था। दुनिया…
ट्रेड वॉर के बीच अमेरिकी डॉलर पर संकट, इन 5 कारणों से डोल रहा है सिंहासन?
बिजनेस

भारतीय ग्राहकों को रिफंड कर रही एलन मस्क की टेस्ला, जानिए क्या है कंपनी का प्लान

नई दिल्ली: दुनिया के सबसे बड़े रईस एलन मस्क की ईवी कंपनी टेस्ला (Tesla) ने भारत में अपनी Model 3 कार के लिए बुकिंग करने वाले ग्राहकों को रिफंड करना शुरू कर दिया…
भारतीय ग्राहकों को रिफंड कर रही एलन मस्क की टेस्ला, जानिए क्या है कंपनी का प्लान
बिजनेस

भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच वर्ल्ड बैंक ने दी गुड न्यूज, 10 साल में कितनी घटी देश की गरीबी

नई दिल्ली: भारत ने पिछले दस साल में गरीबी को कम करने में बड़ी सफलता हासिल की है। वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। शुक्रवार को जारी इस…
भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच वर्ल्ड बैंक ने दी गुड न्यूज, 10 साल में कितनी घटी देश की गरीबी
बिजनेस

राधाकिशन दमानी के निवेश वाली कंपनी देगी हर रुपये पर 10 रुपये का डिविडेंड, गिर गया शेयर

नई दिल्ली: दिग्गज निवेशक राधाकिशन दमानी के निवेश वाली कंपनी VST इंडस्ट्रीज ने हर शेयर पर 10 रुपये का डिविडेंड देने घोषणा की है। यह डिविडेंड फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए है। यह…
राधाकिशन दमानी के निवेश वाली कंपनी देगी हर रुपये पर 10 रुपये का डिविडेंड,  गिर गया शेयर
बिजनेस

चीन नहीं, भारत की बोलेगी तूती... अमेरिकी टैरिफ से ऐपल और गूगल के आएंगे अच्छे दिन, कारण जान लीजिए

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए टैरिफ के कई फायदे और नुकसान सामने आ रहे हैं। माना जा रहा है कि इस टैरिफ के कारण भारत से स्मार्टफोन के निर्यात…
चीन नहीं, भारत की बोलेगी तूती... अमेरिकी टैरिफ से ऐपल और गूगल के आएंगे अच्छे दिन, कारण जान लीजिए
बिजनेस

इधर रेपो रेट में हो रही थी कटौती, उधर जमकर सरकारी बॉन्ड खरीद रही थी रिलायंस, जानिए वजह

नई दिल्ली: भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने हाल के दिनों में जमकर सरकारी बॉन्ड खरीदे हैं। बिजनस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस…
इधर रेपो रेट में हो रही थी कटौती, उधर जमकर सरकारी बॉन्ड खरीद रही थी रिलायंस, जानिए वजह
बिजनेस